नए क्रैश टेस्ट Bharat NCAP की 5 सबसे खास बातें

Bharat NCAP क्रैश टेस्ट

भारत ने सेफ और सुक्षित सड़को के लिए के बड़ा कदम उठा है, भारत में अब भारत NCAP प्रोग्राम लांच हो चूका है। इस सेफ्टी प्रोग्राम को भारत साकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ रोड, हाईवे एंड ट्रांसपोर्ट दवारा संचालित किया जायेगा। इस प्रोग्राम का मुख लक्ष्य गाड़ियों में मिलने वाली एक्टिव और पैसिव सेफ्टी को जांचना और मापना होगा । भारत में दुनिया भर की गाड़ियों का मत्र 1% शेयर है। इसके बावजूद दुनिया भर के सड़क हादसों में हुई मृत्यो में भारत 10% का शेयर रखता है, मतलब की 1.5 लाख जाने भारत में हार साल सड़क हसदो में चली जाती है। आइये जानते है ऐसी 5 चीज़ो के जरुरी चीज़ो के बारे में जो बताती है की कैसे भारत NCAP, भारत में बिक रही गाड़ियों की सेफ्टी में सुधर लाएगा ।

1. मुख्य लक्ष्य

भारत NCAP का मुख्य उद्देश्य भारत में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की उच्च संख्या को कम करना है। यह प्रोग्राम वाहनों की सावधानीपूर्वक जांच करके और लोगों को सुरक्षित कार चुनने में मदद करने के लिए उन्हें सुरक्षा रेटिंग देता है। ऐसा करके यह अच्छी सेफ्टी वाली गाड़ियों को प्रमोट कर सड़क दुर्घटना के मौके को कम करता है।

2. कार निर्माता भाग लेना चुन सकते हैं

Bharat NCAP क्रैश टेस्ट
Bharat NCAP क्रैश टेस्ट

भारत में मजूद सभी कार मनुफक्चरर्स के लिए यह जरुरी नहीं है की वो NCAP प्रोग्राम में शामिल हो, भारत सरकार सभी कंपनियों को अपनी गाडी को टेस्ट करने या न करने दोनों का विकल्प देती है। इस प्रोग्राम में हो रहे टेस्ट को ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैण्डर्ड (AIS) 197 को देख बनाया गया है, जिसमे की कार की एडल्ट प्रोटेक्शन और चाइल्ड प्रोटेक्शन की क्षमता को परखा जाता है।

3. बेहतर सुरक्षा के लिए कठिन परीक्षण

भारत NCAP में टेस्टिंग के वही नियम और कायदो का पालन किया जाता है जो की ग्लोबल NCAP में इस्तेमाल किये जाते है। इन टेस्ट में फ्रंट ओफ़्सेट टेस्ट, साइड इम्पैक्ट टेस्ट और पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट जैसे कई अन्य टेस्ट शामिल है। इन सभी टेस्ट के हो जाने के बाद गाडी को 0 से 5 के बिच की स्टार रेटिंग उसके टेस्ट में मिली परफॉरमेंस के अनुसार दी जाती है।

4. परीक्षण हेतु नियम

Bharat NCAP क्रैश टेस्ट
Bharat NCAP क्रैश टेस्ट

भारत NCAP रेटिंग के लिए गाड़ियों को कुछ पैमानो पे खड़ा उतरना पड़ता है, वरना उस गाडी की जांच भारत NCAP दवारा नहीं करी जाती है। गाडी में कम से कम 8 लोगो को बैठा सके और गाडी का वजन 3500 kg से कम होना चाहिए, यह पैमाने पुरे होने पी ही गाडी की टेस्टिंग करी जाती है।

5. लोकप्रिय कारों के लिए अनिवार्य परीक्षण

भारत NCAP प्रोग्राम की सबसे बड़ी खास बात यह है की, अगर भारत में कोई भी कंपनी की गाडी अपनी 30,000 यूनिट्स बेच लेती है, तो उसे किसी भी हाल में NCAP प्रोग्राम में भाग लेना ही पड़ता है और अपनी गाडी की टेस्टिंग करनी ही पड़ती है। ऐसा करने से भारत में जो भी गाड़िया लोकप्रियता हासिल कर रही है, वो अब मॉडर्न सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के साथ देखने को मिलेंगी।

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